तेरा प्यार चाहिए
माँ मुझको तेरा प्यार चाहिए,
तेरी गोद का दुलार चाहिए।
मेरी आँखें तकती हैं राह तेरी,
खत्म मुझे ये इंतजार चाहिए।
तेरी कमाई तो मैं ही हूँ ना माँ,
फिर कैसी और पगार चाहिए।
तेरे बाग का मैं खिला फूल हूँ,
कोई ओर क्या बहार चाहिए।
गैरों के हाथों में पल रहा हूं मैं,
तेरी लोरियों का गुंजार चाहिए।
छूट रहा कुछ तो अनमोल सा,
ममता का तेरी श्रृंगार चाहिए।
सुबह और शाम ही मिलती हो,
तेरे पूरे वक़्त का करार चाहिए।
तुझ से बड़ा समझौता है मेरा,
मासूम दिल ना लाचार चाहिए।
पत्थर कर लिए एहसास सारे,
भावना में तेरी पुकार चाहिए ।
अकेला सा हो गया हूं मैं माँ,
मुझको पूरा परिवार चाहिए।
दादा दादी चाचा चाची बुआ,
अपनों से सजा संसार चाहिए।
जीवन चमक उठेगा मेरा माँ,
तेरे सुंदर से संस्कार चाहिए।
सीमा शर्मा