तेरा नूर
हुजूम उमड़ा शहर में एक दफा,
पता चला वहां नूर है बिखरा हुआ।
जब देखा नूर को मैने गौर से इक नज़र,
तो पाया मैं तो क्या दीवाना है उसका पूरा शहर।
उसे पाने की ख्वाहिश में खोया मैने सारा चैन,
तोड़ दिए सब रिश्ते नाते, उसे पाने की ललक में
रहा मैं बहुत बेचैन।
कुछ रिश्तों ने ताने दिए, कुछ ने दीं धमकियां
किसी ने मुझे सहारा दिया तो किसी ने दीं सिसकियां
हुआ इत्तेफाक ऐसा कि मुझ पर हुआ एहसान तेरा
मांग लिया तूने मुझे खुद पूरा हुआ अरमान मेरा।