तेरा जो दिल करे वैसा बनाना
तेरा जो दिल करे वैसा बनाना
किसी को मत मगर मुझसा बनाना
लगी हैं ठोकरें जिन पत्थरों को
उन्हें मंदिर का तुम हिस्सा बनाना
महक जिसमें न हो अपनी ज़रा भी
न कोई फूल तुम ऐसा बनाना
रहे एहसास तेरे इश्क़ का ही
कभी रुख़्सार पर बोसा बनाना
बढ़ा दे प्यास मेरी भी हदों तक
समंदर की तरह प्यासा बनाना
– मीनाक्षी मासूम