तेरा चहेरा नज़र आता है
हर एक चहरें में मुझें तेरा चहेरा नज़र आता है
मोहब्बत ऐसी के तुझमें खुदा नज़र आता है।
जिस गुज़रगाह को चलु मैं,
मंजिल में तु यार नजर आता है
कु़र्ब़ नहीं तेरा किस्मत में मेरी सो
हर गुल़ में खा़र नज़र आता है
इस तरह बिखरें है हम के
जमीं से आसमां तक इंतिशार नज़र आता है
पीता हुँ पानी मैं और नशा ऐ शराब़ नज़र आता है ।
पीता हुँ पानी मैं और नशा ऐ शराब़ नज़र आता है
कहता नहीं हाल ऐ दिल किसी से
बिन कहें ही हाल सब नज़र आता है ।
लिख़ता हुँ दर्द दिल का तो गज़ल ऐ यार नज़र आता है।
हर एक चहरें में मुझें तेरा चहेरा नज़र आता है।
मोहब्बत ऐसी के तुझमें खुदा नज़र आता है|