तेजस का सफर
बडा शोर सुनते थे
पहलू मे दिल का,
देखा तो
फुसफुसा निकला।
खास कुछ भी नही
बस चेयर कार समझो,
गोमती शायद पहली
बरसों पहले चली थी।
समझ सके ना
गर समझे तो समझाओ,
पैसेन्जर के लिए कुछ ना
रेलवे के लिए क्या ?
प्राइवेट क्यों ?
सरकारी क्यों नही ?
दलील दी, सरकार का
काम बिजनेस नहीं।
तेजस
तेज न जस
सब जस का तस
स्वरचित मौलिक
?
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297