तू है जगतजननी माँ दुर्गा
(शेर)- तू है शक्ति का प्रतीक और ममता की तू मूरत है।
तू है जगतजननी माँ दुर्गा,महाकाली की तू सूरत है।।
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तू है जगतजननी माँ दुर्गा।
करना कल्याण सभी का माँ दुर्गा।।
करुणामयी तू है माँ दुर्गा।
करना बरसात ममता की माँ दुर्गा।।
तू है जगतजननी——————–।।
अष्टभुजाधारी तू है, शेर पर सवार।
महिषासुर का किया है, तुमने संहार।।
तू है त्रिशूल, चक्र, धनुष, गदाधारी।
करना असुरों का वध, माँ दुर्गा।।
तू है जगतजननी——————–।।
ब्रह्माणी, नारायणी, तू है आदिशक्ति।
महाकाली रूप में भी करें तेरी भक्ति।।
वैष्णोदेवी, शैलपुत्री, चामुंडा तू ही है।
शिवजी की जीवनसाथी, तू है माँ दुर्गा।।
तू है जगतजननी——————–।।
दुश्मनों से देश की, रक्षा तू करना।
पापियों से दिल से, पाप दूर करना।।
करना आबाद देश, सुख- शांति से तू।
रखना अखण्ड भारत को, माँ दुर्गा।।
तू है जगतजननी——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)