तू ही सच्चा उत्तराधिकारी हैं …..
तू ही सच्चा उत्तराधिकारी हैं……………..
घने जंगलों में एक ज्ञानी ऋषि अपने कुछ शिष्यों के साथ एक कुटियाँ में रहते थे,ऋषि पहुचे हुएँ थे,उन्हें अपने उत्तराधिकारी का चुनाव करना उन्होनें अपने शिष्यों को बुलाया एक-एक हीरा देकर कहा की इनमें एक हीरे का वजन कुछ हल्का हैं. हाँ एक शर्त है आपस में मिलकर ढूढ़ने की कोशिश नही करनी हैं,करोगे मुझें अपने आप पता चल जाएँगा,ज्ञानी ऋषि को पता था कि मेने हल्का हीरा किसे दिया हैं. कुछ दिन पश्चात ऋषि ने अपने एक-एक शिष्य को बुलाया और हीरे के बारे में पूछा सब ने यही बताया की गुरु जी मेरा हीरा हल्का हैं. अंत में उन्होने उस शिष्य को बुलाया जिसको उन्होने हल्का हीरा दिया था और पूछा,उस शिष्य ने तपाक से कहा गुरु जी मेरा हीरा भारी हैन.गुरु जी ने उसे तुरंत अपने सीने से लगा लिया और उसे अपने उत्तराधिकारी नियुक्त किया……