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2 Sep 2023 · 1 min read

*तू ही पूजा तू ही खुदा*

तू ही पूजा तू ही खुदा
********************

तेरी हर कातिल है अदा।
सारे जग से तुम हो जुदा।

खोया रहता दिन – रात हूँ,
तू ही पूजा तू ही खुदा।

मय आँखों से पीते रहे,
मुखड़ा जैसे हो महकदा।

तुझ से मेरा महके चमन,
फूलों सा खिलता हूँ सदा।

फीकी फीकी सी चाँदनी,
भोली सूरत पर हूँ फ़िदा।

सजना संवरना आप का,
मन को भाता है कायदा।

मनसीरत राहों में खड़ा,
घाटा हो या फिर फ़ायदा।
*******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

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𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
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