तू शबिस्ताँ सी मिरी आँखों में जो ठहर गया है,
तू शबिस्ताँ सी मिरी आँखों में जो ठहर गया है,
दरिया न जाने समंदर से मिलने किधर गया है
©️🖊️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
तू शबिस्ताँ सी मिरी आँखों में जो ठहर गया है,
दरिया न जाने समंदर से मिलने किधर गया है
©️🖊️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”