तू मेरी मधुशाला
+++ तू मेरी मधुशाला +++
तेरी आँखों की गलियों में है मेरी मद्दशाला ।।
मैं तो भूल जाऊँगा दुनिया की हर मधुशाला ।।
तेरा श्रृंगार है बड़ा सजीला..
मैं होता जिनको देख नशीला ।।
तेरे गाल गुलाबी बड़े रसीले..
मैं जिनको छूकर हूँ मतवाला ।।
कहीं होगा ना तेरे जैसा कोई जग में मधुबाला –
तेरी आँखों की गलियों में है मेरी मद्दशाला ।।
तेरे कजरारे नैनों में मैं खो जाऊँ..
मैं अब उनमें डूबकर मदिरा पाऊँ ।।
कहीं भी ऐसा ना हो मयखाना..
जिसका सदा बना रहूँ दीवाना ।।
तेरे अधरों का पीकर रस मैं बना रहूँ मतवाला –
तेरी आँखों की गलियों में है मेरी मद्दशाला ।।
तेरे तन की महक मुझको बुलाए..
तेरे बालों की ख़ुशबू भी लुभाए ।।
मैं लेकर तेरे चुम्बन का प्याला..
कहलाऊँ दुनिया भर में दिवाला ।।
तेरी पूरी काया है मेरे लिए अब एक मधुशाला–
तेरी आँखों की गलियों में है मेरी मद्दशाला ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
26. 04. 2017