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11 Jul 2019 · 1 min read

तू मेरा है मैं तेरी हूँ

अनजानी-सी है इक लड़की,मेरे दिल में रहने लगी है।
तू मेरा है मैं तेरी हूँ,चुपके से ये कहने लगी है।।

अनजाना-सा है इक लड़का,जबसे देखा चाहत जगी है।
मेरी रातों की नींदें हैं रूठी,दिन में भी बेचैनी बढ़ी है।।

कैसे संभालूँ दिल अपना,पल-पल सपने उसके सजाता।
खोई-खोई रहती हूँ मैं,तन्हाई में मुझको जलाता।
प्यासे होठों पर मोहब्बत,इन आँखों में सूरत बसी है।
तू मेरा है मैं तेरी हूँ,चुपके से ये कहने लगी है।।

भोली सूरत सादी सीरत,तन फुरसत में जैसे तराशा।
जो देखे बस देखे जाए,बुझती ना आँखों की पिपासा।
कायल होके कहता दिल अब,हसरत पाने की सजी है।
तू मेरा है मैं तेरी हूँ,चुपके से ये कहने लगी है।।

आ जाओ अब तो बाँहों के,झूले में तुझको मैं झुलाऊँ।
साँसों की सरग़म बन जाओ,हरपल नग़में गुनगुनाऊँ।
तुझको पाया रब को पाया,अब तन्हाई मिलके भगी है।
तू मेरा है मैं तेरी हूँ,चुपके से ये कहने लगी है।।

अनजानी-सी है इक लड़की,मेरे दिल में रहने लगी है।
तू मेरा है मैं तेरी हूँ,चुपके से ये कहने लगी है।।

अनजाना-सा है इक लड़का,जबसे देखा चाहत जगी है।
मेरी रातों की नींदें हैं रूठी,दिन में भी बेचैनी बढ़ी है।।

आर.एस.प्रीतम
——————–
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 227 Views
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