तू दुर्गा , तू पार्वती है
तू दुर्गा, तू पार्वती है ।
तू दुनिया की पराशक्ति है।
हे देवी तू आद्य शक्ति है।
प्रकृति में सहज प्राकृति शक्ति है।
तू सारा ब्रह्माण्ड, तू पूरी सृष्टि है ।
पुराणों में तू ही आदि शक्ति है।
उपनिषदों की देवी उमा हेमावती है।
सम्पूर्ण सिद्धि ऐश्वर्य की शक्ति है।
वेद में तू ही नारायणी है।
सम्पूर्ण चराचर में सर्वाणी है।
शांतमय,सुन्दर रूप में गौरी है।
हे देवी तू ही शिव की शक्ति है।
सबसे भयानक रूप में काली है।
तू दुष्ट संहारिणी,युद्ध की देवी है।
ज्ञान विद्या तू ही भक्ति-मुक्ति है।
मान सम्मान तू ही यश-कृति है।
तू ही माया देवी विष्णु की शक्ति है।
तू तीनों लोकों में पूजित वन्दित है।
हर युग में दुर्गा भगवती है।
महिलाओं की गरिमायी है
मंदिरों और तीथों में पूजित है।
घर घर में माँ अम्बा की भक्ति है।
– लक्ष्मी सिंह ??