तू तो नहीं
माना मैं खराब हूं
तू तो नहीं
हो गई है रात
फिर अभी तक
तू आया क्यों नहीं
माना मैं बेवफा हूं
तू तो नहीं
दिल में दर्द है मेरे
तुझे कोई फिक्र
फिर है क्यों नहीं
माना मैं झूठा हूं
तू तो नहीं
मिलने का वादा
किया तुमने
फिर निभाया क्यों नहीं
तेरी नजरों में
पागल हूं मैं
तू तो नहीं
मेरी छोटी सी
नादानी फिर
क्यों तू समझा नहीं
इश्क में था मैं
तू तो नहीं
फिर क्यों आता था
मिलने मुझसे
बताता क्यों नहीं
याद करता हूं मैं
तू तो नहीं
फिर सुबह शाम
ये मेरी हिचकियां
जाती क्यों नहीं
तेरे प्यार में हूं मैं
तू तो नहीं
तेरी ये आंखें
इस बात की तस्दीक
करती क्यों नहीं।