तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तुझ बिन जीवन निष्प्राण प्रिय।
नहीं ख़ौफ मुझे यह कहने में,
तू ही ‘नीलम’ जी जान प्रिय।
नीलम शर्मा ✍️
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तुझ बिन जीवन निष्प्राण प्रिय।
नहीं ख़ौफ मुझे यह कहने में,
तू ही ‘नीलम’ जी जान प्रिय।
नीलम शर्मा ✍️