तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
तू पढ़ती रह, मैं लिखता रहूँगा।।
तू सताती रह, मैं संवर ता रहूँगा।
तू ठोकरे मारती रह,मैं संभालता रहूँगा।।
तू गैरों को सोचती रह, मैं तेरा ख्वाब देखता रहूंग।।
तू ना आने को कसमें खाती रह, मैं तेरा इंतजार करता रहूंग।।
R..S..🦋