तू एक फूल-सा
सौ तरह के फूलों के बगीचे में,
तू उनके ही जैसा एक फूल होगा।
कुछ खूबियाँ, कुछ खामियाँ समेटे होगा,
हो सबसे खूबसूरत, ऐसा जरूरी नहीं होगा।
पर किसने कहा- मुझे खूबसूरती की तलाश है?
हृदय को तेरी प्यारी मुस्कुराहट ने बाँधा है!
उस मुस्कुराहट के पीछे जो मासूमियत छलकती है,
उसे देखकर यहीं थम जाने का जी करता है।
आगे तुझसे सुंदर, तुझसे गुणवान कितने मिलेंगे, क्या पता?,
संसार अनंत है, तुझसे ही नहीं, मुझसे बेहतर भी कई होंगे,
पर मेरा तुझे चुनने को जी कर रहा है,
बेहतर का मैं क्या करुँगी, जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं,
होगी भी तो मेरी मर्ज़ी स्वयं को किसके नाम करूँ,
नाम कई होंगे, पर सब तो मुझे नहीं चाहिये,
इच्छा है तुझे तुझी से माँग कर, अपने केश में सजा लूँ,
पर इच्छा व्यक्त नहीं होती,
और शायद न कभी होगी।