तू इश्क, तू खूदा
तू इश्क , तू खूदा,
तू इबादत है मेरी।
तुमको पाकर पूरी हुई ,
हर चाहत मेरी।
तेरे बाहों के घेरे में,
है जन्नत मेरी।
यही चैन पाती है
सुकुन जिन्दगी मेरी।
ख्बाईश-ए -जिन्दगी,
बस इतनी सी है मेरी,
तेरे बाहों में ही
जान निकले मेरी।
-लक्ष्मी सिंह