तू अपना सफ़र तय कर -कविता
वाटर स्लाइड की तरह है जन्दगी का सफ़र ,
हर मोड़ पर रुकावटें और फिसलने का डर।
हिम्मत और जुनून के पानी के बहाव में,
तू अपना सफर तय कर।
कभी तेज धाराओं में बहो स्वछन्द ,
कभी रस्ते में जाओ ठहर ।
अपने हौसले की नाव में डटे रहो मगर ,
तू अपना सफर तय कर ।
आसान नहीं है ये डगर ,
सुख और दुःख है इस कदर ।
मंजिल मिल ही जायेगी आखिर ,
तू अपना सफर तय कर ।
जब कठिनाइयों का सैलाब आए,
कर सामना पंख फैलाए ।
पानी की लहरों के संग चल,
तू अपना सफर तय कर ।
ये जिंदगी के पड़ाव है ,
कभी उतार तो कभी चढ़ाव है।
साहस के साहिल पर तुझे पहुंचना है अगर ,
तू अपना सफर तय कर ।
“असीमित” है यह सफर तेरा,
हर पल में नयी धुप नया सवेरा ।
जिंदगी की इस वाटर स्लाइड पर,
तू अपना सफर तय कर ।
-डॉ मुकेश ‘ असीमित