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27 Sep 2024 · 1 min read

तूॅं कविता चोर हो जाओ

तिकोना हो, बिना मेहनत किए चौकोर हो जाओ।
जहाॅं बस ना चले अपना, वहाॅं गमखोर हो जाओ।
कमाना नाम हो औ हो, अगर तुम दाद के भूखे।
मेरे भाई न सोचो कुछ, तूॅं कविताचोर हो जाओ।।

© नंदलाल सिंह ‘कांतिपति’

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