Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2022 · 1 min read

तूफ़ान उठने वाला है!

लोकतंत्र का उठ रहा
हर लम्हा जनाजा!
अफसोस नहीं दिखता
तुमको ये तमाशा!!
कोई आम जनता की
ख़ामोशी पर मत जाए!
उठने वाले तूफ़ान से
पहले का है ये सन्नाटा!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
318 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

इश्क का बाजार
इश्क का बाजार
Suraj Mehra
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
समीक्ष्य कृति: बोल जमूरे! बोल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
किस क़दर
किस क़दर
हिमांशु Kulshrestha
मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं
मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हौसलों की उड़ान
हौसलों की उड़ान
Sunil Maheshwari
बेटा बेटी है एक समान,
बेटा बेटी है एक समान,
Rituraj shivem verma
अंदर तेरे शक्ति अगर गंभीर है
अंदर तेरे शक्ति अगर गंभीर है
Priya Maithil
#तनिक रुक जाओ
#तनिक रुक जाओ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
"कंजूस"
Dr. Kishan tandon kranti
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
Bidyadhar Mantry
ना जाने कब समझेगा दुनिया को ये बच्चा
ना जाने कब समझेगा दुनिया को ये बच्चा
Dr. Mohit Gupta
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
दहेज़ …तेरा कोई अंत नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्रकृति
प्रकृति
Roopali Sharma
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
सपनों का व्यापार है दुनिया
सपनों का व्यापार है दुनिया
Harinarayan Tanha
कविता
कविता
Rambali Mishra
4694.*पूर्णिका*
4694.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल दिमाग़ के खेल में
दिल दिमाग़ के खेल में
Sonam Puneet Dubey
भगवान बुद्ध
भगवान बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
यह जीवन भूल भूलैया है
यह जीवन भूल भूलैया है
VINOD CHAUHAN
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
अवध किशोर 'अवधू'
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
©️ दामिनी नारायण सिंह
मिथ्या इस  संसार में,  अर्थहीन  सम्बंध।
मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध।
sushil sarna
ज़िंदगी बेजवाब रहने दो
ज़िंदगी बेजवाब रहने दो
Dr fauzia Naseem shad
‘सच’ का सच
‘सच’ का सच
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मतवाला
मतवाला
Deepesh Dwivedi
Loading...