तूझसे मैं मुझसे ही तू
तेरी नजर से मेरी नजरों का मिल जाना
तुझे देखकर मेरी पलकों का झुक जाना
शर्मीली मैं तो कभी नहीं थी इतनी
मगर तुझे देख कर हया का आ जाना
ना मुझे थी खबर मेरे सूट पर यू दुपट्टे का आ जाना
ना दर पर खुदा के मांगा कभी कुछ
आज दुआओं में तेरे नाम का जाना
दूर होता था तू मुझसे कई कदम
और मेरे दिल की धड़कनों का बढ़ जाना
तुझे पुकारू किस नाम से
तेरा नाम सुनकर मेरा यूं मुस्कुरा जाना
जता पाती तुझे तो बताती अपनी दिल की बेचैनी
तेरी आवाज से दिल की धड़कन का रुक जाना।।