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2 Jan 2025 · 1 min read

तूं चाहे जितनी बार ‘ना’ कर…

तूं चाहे जितनी बार ‘ना’ कर…
मुझे तेरी ‘हाॅं’ का इंतज़ार रहेगा!
चाहे शाम हो या सहर कोई
तेरे बिन इस “दिल का गुलशन”
कदापि नहीं गुलज़ार रहेगा!!

….अजित कर्ण ✍️

1 Like · 26 Views

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