तु थी कभी के नहीं , मेरी ज़िन्दगी में शामिल ©️®️ Manjul मनोचा©️®️
तु थी कभी के नहीं
मेरी ज़िन्दगी में शामिल
जब याद तेरी ओझल हुई
तो सोंचे ये मेरा दिल…..
तु थी क्या एक ख़्वाब सा
जो था बड़ा हसीं
या करूँ यकीं इस निगाह का
जिसने देखा तुझे इस ज़मीं
खोल दे अब इस राज़ को
और आकर इस दीवाने से तु मिल…..
तु थी कभी के नही
मेरी ज़िन्दगी में शामिल
जब याद तेरी ओझल हुई
तो सोंचे ये मेरा दिल………..
एहसास है या तू फिर
सच में मेरे साथ है
जो भी है क्या कहूँ
अंदाज़ तेरे खास हैं
इन्हीं के संग-संग हूँ मैं
जी रहा तिल-तिल
तु थी कभी के नही
मेरी ज़िन्दगी में शामिल
जब याद तेरी ओझल हुई
तो सोंचे ये मेरा दिल….
मानता हूँ तू है गज़ब
रब नहीं पर है अज़ब
पर बात ये भी समझ
जैसा हूँ मैं जो भी हूँ
कोशिश है यही कि
बनूँ मैं तेरे काबिल
तू थी कभी के नहीं
मेरी ज़िंदगी में शामिल
जब याद तेरी ओझल हुई
तो सोंचे ये मेरा दिल….
©️®️ Manjul Manocha ©️®️