तु इधर उधर की न बात कर, ये बता काफिला क्यों लूटा!
तू इधर उधर की न बात कर,
ये बता काफिला क्यों लुटा,
मणिपुर जला तो क्यों जला,
मातृत्व शर्मशार हुआ तो क्यों हुआ,
देश जात धर्म में क्यों बंटा!
तू इधर उधर की न बात कर,
ये बता काफिला क्यों लुटा,
ये क्यों हुआ जो अमीरों की अमीरी बढ गई,
ये क्यों हुआ गरीब –गरीब हो रहा,
येे सच का इकबाल घट रहा,
झूठ और फरेब का तंत्र बढ़ गया,
तू इधर उधर की न बात कर,
ये बता काफिला क्यों लुटा,
अस्सी करोड़ को मुफ्त अनाज,
और देश खुशहाल हो रहा,
विदेशों में सम्मान बढ रहा,
तो देश में विरोध क्यों बढ गया,
है किसी कि बिसात जो यह पूछ सके,
है आप में यह साहस जो बता सकें!
तू इधर उधर की न बात कर,
ये बता कि काफिला क्यों लुटा,
एक ओर मणिपुर जलता रहा,
तो दूसरी ओर चुनाव में भाषण चलता रहा,
एक ओर मणिपुर जलता गया,
दूसरी तरफ आपका काफिला विदेश चला,
एक ओर मणिपुर जलता जा रहा,
दूसरी ओर आपका मौन बरकरार रहा,
तू इधर उधर की न बात कर,
ये बता की काफिला क्यों लुटा!