तुलसी विवाह को सौ-सौ बार प्रणाम है【 भक्ति-गीत 】
तुलसी विवाह को सौ-सौ बार प्रणाम है【 भक्ति-गीत 】
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मंगलमय तुलसी विवाह को सौ – सौ बार प्रणाम है
(1)
यह तुलसी का पौधा देखो तप की शक्ति भरे है
सती एक वृंदा थी उसका ही यह रूप धरे है
सदियाँ बीतीं अमर अभी तक उस पतिव्रत का नाम है
मंगलमय तुलसी विवाह को सौ – सौ बार प्रणाम है
(2)
शालिग्राम रूप नव लेकर जग के स्वामी आते
तुलसी से पावन विवाह के बंधन में बँध जाते
पूजी जाती तुलसी घर – घर उसका सुंदर काम है
मंगलमय तुलसी विवाह को सौ – सौ बार प्रणाम है
(3)
यह तुलसी का पौधा दर्शन – मात्र लाभ करवाता
शुद्ध वायु को कर देता जिस घर में पाया जाता
तुलसी – सेवन दिव्य गुणों से भरा हुआ अभिराम है
मंगलमय तुलसी विवाह को सौ – सौ बार प्रणाम है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451