Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2022 · 1 min read

तुर्बत में आ गये है।

आज हम पहनकर कफ़न तुर्बत में आ गये है।
अपने ही दफन करके हमको घर को जा चुके है।।1।।

थोड़ी भी देर ना रखा यूँ हमको अपने ही घर में।
मेरी मय्यत पर देखो मेरे अपने सब गैर हो गये है।।2।।

थोड़ा रो कर सबने बस फ़र्ज़ अदायगी कर दी।
किसी को भी मर ने पर हम अच्छे ना लग रहे है।।3।।

सबका खर्च मैं ही उठता था यूँ तो इस घर का।
सारे के सारे आज हमको मतलबी से लग रहे है।।4।।

घर पर किसी को गम ना है ऐसे मेरे मरने का।
फिक्र है सबमें रहेंगें कैसे पैसे जो ना मिल रहे है।।5।।

गर मरता ना तो जान ही ना पाता इन सभी को।
अच्छा हुआ बड़े खुश है चलो हम तो मर गये है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 2 Comments · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
बचपन
बचपन
नूरफातिमा खातून नूरी
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रागी के दोहे
रागी के दोहे
राधेश्याम "रागी"
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
देखेगा
देखेगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चुनाव
चुनाव
*प्रणय*
ग़ज़ल _ मुहब्बत में मुहब्बत से ,मुहब्बत बात क्या करती,
ग़ज़ल _ मुहब्बत में मुहब्बत से ,मुहब्बत बात क्या करती,
Neelofar Khan
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
Sanjay ' शून्य'
काश कुछ ख्वाब कभी सच ही न होते,
काश कुछ ख्वाब कभी सच ही न होते,
Kajal Singh
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
3825.💐 *पूर्णिका* 💐
3825.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
मै पत्नी के प्रेम में रहता हूं
भरत कुमार सोलंकी
समय
समय
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
श्रीमान - श्रीमती
श्रीमान - श्रीमती
Kanchan Khanna
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
उन्नति का जन्मदिन
उन्नति का जन्मदिन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"लकड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
सोचें सदा सकारात्मक
सोचें सदा सकारात्मक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
डिग्री लादी काँधे पर,
डिग्री लादी काँधे पर,
sushil sarna
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
उत्तराखंड के बाद अब दहकने लगे दुनियां के फेफड़े
उत्तराखंड के बाद अब दहकने लगे दुनियां के फेफड़े
Rakshita Bora
घर घर ऐसे दीप जले
घर घर ऐसे दीप जले
gurudeenverma198
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
दीपक झा रुद्रा
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
Shweta Soni
गंगा नदी
गंगा नदी
surenderpal vaidya
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
ruby kumari
Loading...