Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2024 · 1 min read

तुम..

आ कर ख्वाबों में मेरे
गलबहियाँ
डाल देती थीं तुम,
मरमरी वज़ूद तुम्हारा
सिमट जाता था
मुझ में,
आज भी महक तुम्हारी
मचल उठती है
साँसों में मेरी
जाग जाता हूँ मैं
फ़िर नींद से अपनी
इन्तिज़ार में,
कि फ़िर नींद आएगी
और आओगे तुम भी
पर,
अब न नींद आती है
और न तुम
और, मैं जागता रह जाता हूँ हर रात दर रात
तुम्हें छूने के लिए

हिमांशु Kulshrestha

Language: Hindi
72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कोई नयनों का शिकार उसके
कोई नयनों का शिकार उसके
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों  के नाम भी होते हैं 
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों  के नाम भी होते हैं 
Atul "Krishn"
विश्व पुस्तक दिवस पर
विश्व पुस्तक दिवस पर
Mohan Pandey
उम्मीद का दिया
उम्मीद का दिया
राकेश पाठक कठारा
Harmony's Messenger: Sauhard Shiromani Sant Shri Saurabh
Harmony's Messenger: Sauhard Shiromani Sant Shri Saurabh
World News
अब कष्ट हरो
अब कष्ट हरो
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
दृढ़ आत्मबल की दरकार
दृढ़ आत्मबल की दरकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
बेबसी
बेबसी
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
पूर्वार्थ
एक शायर का दिल ...
एक शायर का दिल ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
फाग
फाग
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
"बेचैनियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्कुराना एक कला हैं
मुस्कुराना एक कला हैं
Rituraj shivem verma
आबो-हवा बदल रही है आज शहर में ।
आबो-हवा बदल रही है आज शहर में ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
Ajit Kumar "Karn"
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
Rj Anand Prajapati
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
Vivek Ahuja
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
Ankita Patel
متفررق اشعار
متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
*कुंडलिया छंद*
*कुंडलिया छंद*
आर.एस. 'प्रीतम'
*होली*
*होली*
Dr. Vaishali Verma
महाभारत का युद्ध
महाभारत का युद्ध
Shashi Mahajan
23/195. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/195. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
Jyoti Roshni
कविता
कविता
Sonu sugandh
#क्षणिका-
#क्षणिका-
*प्रणय*
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
Loading...