Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2024 · 1 min read

तुम हो

तुम हो…
पावन मन का चिंतन तुम
पवित्र विचारो का मंथन तुम
सब गुणों की रत्नाकर तुम
तुम मृगनैनी, कमलाकर तुम
ह्रदय में बसती नागर तुम
मेरा जीवन तुम, सुख सागर तुम
मेरी जीत भी तुम
मेरी हार भी तुम
हर ख़ुशी भी तुम, त्यौहार भी तुम
तुम हर पल मेरा
हर वार भी तुम
मेरा घर, आँगन संसार भी तुम
मेरी सखी भी तुम
मेरा प्यार भी तुम
मेरे मन का आधार हो तुम
मेरा दिन हो तुम
मेरी रात भी तुम
पतझड़, गर्मी, बरसात भी तुम
मेरी शह हो तुम
मेरी मात भी तुम
दवा भी तुम, आघात भी तुम
मेरा धर्म भी तुम
ईमान भी तुम
मेरी प्रार्थना तुम, अजान भी तुम
मेरे ध्यान में तुम
हर ज्ञान में तुम
हर क्षण मेरे संज्ञान में तुम
हर दिशा में तुम
हर दशा में तुम
सुध बुध मेरी, मेरा नशा भी तुम
हर जगह हो तुम
हर घड़ी हो तुम
सब जोड़ तुम्ही, हर कड़ी हो तुम
हर शब्द हो तुम
अलफ़ाज़ भी तुम
अंजाम मेरा, आगाज़ भी तुम
आचार में तुम
व्यवहार में तुम
हर सोच तुम्ही, विचार में तुम
मेरा मान भी तुम
सम्मान भी तुम
आन, बान और शान भी तुम
मेरे जीवन के हर हिस्सों में तुम
मेरी यादों में, किस्सों में तुम
जो सपना हो साकार वो तुम
मेरी खुशियों की झंकार हो तुम
पता नहीं, मैं तुम में हूँ या मुझमे तुम
क्या मैं तुमसे हूँ या मुझसे तुम
…..बस तुम हो

Language: Hindi
1 Like · 36 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन की परख
जीवन की परख
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"सुर्खी में आने और
*प्रणय प्रभात*
मशीन कलाकार
मशीन कलाकार
Harish Chandra Pande
आक्रोश प्रेम का
आक्रोश प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
प्रेम शाश्वत है
प्रेम शाश्वत है
Harminder Kaur
महाप्रयाण
महाप्रयाण
Shyam Sundar Subramanian
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
सत्य कुमार प्रेमी
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
Rj Anand Prajapati
"एक नया सवेरा होगा"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
शिक्षक को शिक्षण करने दो
शिक्षक को शिक्षण करने दो
Sanjay Narayan
करवाचौथ (कुंडलिया)
करवाचौथ (कुंडलिया)
गुमनाम 'बाबा'
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
DrLakshman Jha Parimal
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आज़ पानी को तरसते हैं
आज़ पानी को तरसते हैं
Sonam Puneet Dubey
दोहा सप्तक. . . . . दौलत
दोहा सप्तक. . . . . दौलत
sushil sarna
कल पापा की परी को उड़ाने के लिए छत से धक्का दिया..!🫣💃
कल पापा की परी को उड़ाने के लिए छत से धक्का दिया..!🫣💃
SPK Sachin Lodhi
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
Sukoon
जीनी है अगर जिन्दगी
जीनी है अगर जिन्दगी
Mangilal 713
"जांबाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
गज़ल (राखी)
गज़ल (राखी)
umesh mehra
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
कोई आदत नहीं
कोई आदत नहीं
Dr fauzia Naseem shad
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
VINOD CHAUHAN
*शिक्षक जी को नमन हमारा (बाल कविता)*
*शिक्षक जी को नमन हमारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2560.पूर्णिका
2560.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...