Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2021 · 2 min read

तुम हो तो मैं हूँ

।। तुम हो तो मैं हूँ।।

तेरा, मेरा हमसफर बन जाना,
जैसे तमाम खुशियों का एक साथ जीवन में आ जाना।
तेरे गोरे मुखड़े पे काली जुल्फों का बरबस बिखर जाना,
जैसे बादलों के बीच चाँद का दिखना और रात का सँवर जाना।
तेरे नाजुक सुर्ख़ लबों का खुलना और खुलकर बंद हो जाना,
जैसे लफ्जों का कागज़ पे उतरना और उतर के छंद हो जाना।
तुम्हारी बातों का लबों से निकलना और फिजाओं में सज जाना,
जैसे हवाओं का वीणा के तारों को छूना और सरगम का बज जाना।
तेरा मुस्कुराना और शर्म से रुकसार का लाल हो जाना,
जैसे घुँघरूओं का खनकना और शाम का बेमिसाल हो जाना।
अजीब सी कशिश है तेरी आँखों में, जो मैं खिचा चला आता हूँ,
उन दो नैनों को ही ढ़ूढ़ता रहता हूँ, जब भी तुमसे दूर जाता हूँ।
तेरी खुश्बू मेरे घर – आँगन को महकाती है,
तेरी खुश्बू तेरे जाने पे तेरे होने का एहसास दिलाती है।
मैं हूँ, तुम हो और लुत्फ़-ए-ज़िंदगी है…
मैं बाग हूँ और तुम बहार हो,
मैं छंद हूँ और तुम अलंकार हो।
मैं हृदय हूँ और तुम स्पंदन हो,
मैं मस्तक हूँ और तुम चंदन हो।
मैं साँस हूँ और तुम जान हो,
मैं शख्सियत हूँ और तुम मेरी पहचान हो।
स्वाति की बूँद हो तुम जिसका था मुझे इन्तज़ार,
कोयल की कूक हो तुम जिससे है ये गुलशन गुलज़ार।
तुम हो तो दिन सुहाना है,
तुम हो तो रात हसीन है,
तुम हो तो ये सफर है,
“तुम हो तो मैं हूँ।”

रचनाकार – रूपेश श्रीवास्तव ‘काफ़िर’
स्थान – लखनऊ (उ०प्र०)

21 Likes · 101 Comments · 1030 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"बात अपनो से कर लिया कीजे।
*Author प्रणय प्रभात*
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
singh kunwar sarvendra vikram
वह नही समझ पायेगा कि
वह नही समझ पायेगा कि
Dheerja Sharma
3351.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3351.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
* मंजिल आ जाती है पास *
* मंजिल आ जाती है पास *
surenderpal vaidya
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
Chandra Kanta Shaw
मातृ दिवस पर विशेष
मातृ दिवस पर विशेष
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
नयन
नयन
डॉक्टर रागिनी
कदम चुप चाप से आगे बढ़ते जाते है
कदम चुप चाप से आगे बढ़ते जाते है
Dr.Priya Soni Khare
💐प्रेम कौतुक-332💐
💐प्रेम कौतुक-332💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
हाँ मैं किन्नर हूँ…
हाँ मैं किन्नर हूँ…
Anand Kumar
क्या विरासत में हिस्सा मिलता है
क्या विरासत में हिस्सा मिलता है
Dr fauzia Naseem shad
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आखिरी उम्मीद
आखिरी उम्मीद
Surya Barman
किस तरह से गुज़र पाएँगी
किस तरह से गुज़र पाएँगी
हिमांशु Kulshrestha
ये गजल नही मेरा प्यार है
ये गजल नही मेरा प्यार है
Basant Bhagawan Roy
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
विजय कुमार नामदेव
जिक्र क्या जुबा पर नाम नही
जिक्र क्या जुबा पर नाम नही
पूर्वार्थ
उनके ही नाम
उनके ही नाम
Bodhisatva kastooriya
*मूलांक*
*मूलांक*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
*चाँद कुछ कहना है आज * ( 17 of 25 )
Kshma Urmila
मैं तो महज इतिहास हूँ
मैं तो महज इतिहास हूँ
VINOD CHAUHAN
देखिए बिना करवाचौथ के
देखिए बिना करवाचौथ के
शेखर सिंह
चन्दा लिए हुए नहीं,
चन्दा लिए हुए नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फितरत
फितरत
Awadhesh Kumar Singh
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
Loading...