“तुम ही हो”
मेरे जीवन के सुरभित गीत का आगाज तुम ही हो।
मेरी धड़कन में बजते इन सुरों का साज तुम ही हो।
तुम्ही कविता बने मेरी तुम्ही मन भाव बन जागे,
मेरे स्वर से सजे हर गीत की आवाज तुम ही हो।
अर्चना सिंह?
मेरे जीवन के सुरभित गीत का आगाज तुम ही हो।
मेरी धड़कन में बजते इन सुरों का साज तुम ही हो।
तुम्ही कविता बने मेरी तुम्ही मन भाव बन जागे,
मेरे स्वर से सजे हर गीत की आवाज तुम ही हो।
अर्चना सिंह?