तुम सामने आ जाओ,मेरे सोये जज्बात जग जाये –आर के रस्तोगी
तुम सामने आ जाओ,मेरे सोये जज्बात जग जाये
मेरी मोहब्बत के सफर में एक नया रंग आ जाये
करता हूँ इबादत इश्क की इसलिए हर वक्त मैं
तू जन्नत से उतर कर मेरे साथ संग आ जाये
छोड़ दू मैखाना मैं जाना ता उमर जिन्दगी
अगर तू मेरे नशे का एक अंग बन जाये
पैदा करे मिसाल मोहब्बत की दुनिया में हम ऐसी
हमारी मोहब्बत का दर्द देखकर दुनिया दंग रह जाये
लगाये थे जो इल्जाम,हमारी मोहब्बत में इस दुनिया ने
इल्जामो को साफ़ करे ऐसे,जो इस का जंग उतर जाये
क्यों करते है अदावट,रस्तोगी की समझ में नहीं आता
चलाये ऐसा मजहब हम,जो अदावटो में भंग पड जाये
आर के रस्तोगी