तुम सहारा बनकर आओगे क्या?
बहुत अंधेरा है जिंदगी में मेरी,
तुम चमकता सितारा बनकर आओगे क्या ?
कश्ती मेरी डूब रही है मंझधार में,
तुम किनारा बनकर आओगे क्या ?
मैं थक गई हूं उदास जिंदगी देख कर,
तुम नया नजारा बनकर आओगे क्या ?
मैं नहीं समझती प्यार वफ़ा की बातें
तुम इशारा बनकर आओगे क्या ?
मैं नहीं रखूंगी उम्मीद किसी से भी,
तुम सहारा बनकर आओगे क्या ?