Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2024 · 1 min read

तुम सबने बड़े-बड़े सपने देखे थे, धूमिल हो गए न … कभी कभी म

तुम सबने बड़े-बड़े सपने देखे थे, धूमिल हो गए न … कभी कभी मेहनत करने के बाद भी सफ़लता नहीं मिलती क्योंकि जो तुम चाहते हो उसमें बहुत बाधाएं हैं कभी सरकार नाकाम हो जाती है, कभी पैसे नहीं रहते, कभी हालात अच्छे नहीं रहते और कभी हम नाकाम हो जाते हैं…

तुम निराश मत होना, लाखो लोग तुमसे बत्तर जिंदगी जी रहे हैं बस चलने दो जिंदगी को …. ले जाएगी एक दिन तुम्हें मंजिल तक

140 Views

You may also like these posts

समाधान ढूंढने निकलो तो
समाधान ढूंढने निकलो तो
Sonam Puneet Dubey
जुदाई
जुदाई
Dipak Kumar "Girja"
आएं वृंदावन धाम
आएं वृंदावन धाम
Seema gupta,Alwar
जय जय जय जय जय माँ दुर्गा
जय जय जय जय जय माँ दुर्गा
gurudeenverma198
*आत्महत्या*
*आत्महत्या*
आकांक्षा राय
जीवन में
जीवन में
ओंकार मिश्र
साँझ का बटोही
साँझ का बटोही
आशा शैली
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
डॉ. दीपक बवेजा
संगीत
संगीत
Rambali Mishra
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जन्म मरण न जीवन है।
जन्म मरण न जीवन है।
Rj Anand Prajapati
गुरु मानो संसार में ,
गुरु मानो संसार में ,
sushil sarna
3488.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3488.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
जिंदगी है...कट ही जाएगी
जिंदगी है...कट ही जाएगी
Sudhir srivastava
मनोकामनी
मनोकामनी
Kumud Srivastava
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
कवि रमेशराज
जनाब नशे में हैं
जनाब नशे में हैं
डॉ. एकान्त नेगी
.
.
शेखर सिंह
बहकते हैं
बहकते हैं
हिमांशु Kulshrestha
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
मनोज कर्ण
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳
Madhuri Markandy
मेरे प्यारे लोग...
मेरे प्यारे लोग...
Otteri Selvakumar
*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
Phool gufran
बेरोजगारी के धरातल पर
बेरोजगारी के धरातल पर
Rahul Singh
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
The_dk_poetry
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...