तुम याद आती हो !
जब सांझ सलोनी आती है,
नभ में लालिमा सी छाती है।
जब चांद आसमां पर आता है
तारों के बीच छा जाता है।
तुम याद आती हो
जब कोई पंछी चह चहाता है,
फूल बगिया में खिल जाता है।
जब कोई बंसी दूर बजाता है,
प्रेम से किसी को बुलाता है।
तुम याद आती हो
जब काली घटा छा जाती है,
कोयल मीठा राग सुनाती है।
जब कोई दीवाना कहीं गाता है,
मन के भाव गाकर सुनाता है।
तुम याद आती हो।
जब दो प्रेमी कहीं मिलते हैं,
भाव मन में उनके खिलते हैं।
जब कोई मौन रहकर कहता है,
और कोई फिर भी समझता है।
तुम याद आती हो।