तुम यादों के सारे
तुम यादों के सारे सिरे तोड़ देते ।
कहानी को कोई नया मोड़ देते ।।
तुमसे हमारा सांसों का रिश्ता ।
कैसे तुम्हें हम भला छोड़ देते।।
अपनी नज़र में क़ीमत न रहती।
जो हाथों को अपने हम जोड़ देते ।।
मिल जाती हमको भी मंज़िल ।
क़दमों को अपने जो दौड़ देते ।।
तुम यादों के सारे सिरे तोड़ देते।
कहानी को कोई नया मोड़ देते ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद