तुम मेरे अतीत बनकर रह जाओगे——————
मैथ कोचिंग का मेरा वह पहला दिन था । जब मैंने उसे कोचिंग में देखा , तो मेरी धड़कनें तेज हो गई । मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है । उस दिन को मैं आज तक नहीं भूल पाया हूं । कोचिंग समाप्त होने के बाद मैं अपने कमरे की ओर चला । रास्ते में देखा कि वो भी मेरे आगे – आगे अपनी एक सहेली के साथ जा रही है । रूम में आने के बाद , बार – बार उसका चेहरा दिमाग़ में घूम रहा था । दूसरे दिन मैं अपने कमरे से बाहर उसका इंतजार कर रहा था , कब आएगी और उसके साथ कोचिंग जाऊंगा । हर दिन उसका इंतजार करता था । और उसके पीछे – पीछे कोचिंग जाता था । एक भी ऐसा दिन न था कि मैं उसे न देखू और उसके पीछे – पीछे कोचिंग न जाऊं । वह पढ़ने में बहुत तेज , मासूम और हमेशा शांत रहती थी । जब मैं उसे कोचिंग में देखता था , तो लगता मानो जैसे चांद धरती पर उतर आया हो । दिन प्रतिदिन मेरा उसके प्रति लगाव और सम्मान बढ़ता गया । मैं हर पल बस उसी को याद करता था । मेरे दोस्तों ने मुझे सुझाव दिया कि अगर तुम उसे चाहते हो तो इसका इजहार क्यों नहीं कर देते हो , लेकिन मैं हमेशा से डरता था कि कहीं वह यह सब जानकर बुरा न मान जाए । अपने दिल की बात बताने के लिए मैं अच्छे से पढ़ाई करता था और हर परीक्षा में बेहतर करता था । ताकि अपने दिल से डर को निकालकर अपने दिल की बातें उसे बता दूं । वह हमेशा अपनी एक सहेली के साथ रहती थी , जिसके कारण उससे बात करने में मुझे डर – सा लगता था और इसी दरम्यान समय भी निकलता गया और कक्षाएं समाप्ति की ओर बढ़ने लगीं ।
तुम हमेशा कहती मेरे दोस्तो से , तुम्हारा दोस्त अच्छा लिखता है । इसलिए अंत में यही जरिया अपनाया है अपनी बात कहने का … हो सके तो मुझे समझना । पूर्व से ही ज्ञात था यह वक़्त जरूर आएगा , जब तुम मेरे अतीत बनकर रह जाओगे । चार साल पूर्व शुरू हुआ मेरे तुम्हारे प्रेम का यह सिलसिला , अब थम गया है । जो बस जुनून तुम्हारे इश्क़ का , तुम्हारे हो जाने का था । पर वक़्त के साथ समझ आने लगा कि हमारे प्यार के रिश्ते से भी मजबूत और सख़्त कुछ है , तो वह है परिवार । खिली धूप , खुले आसमां में उड़ते परिंदों जैसी हमारी मोहब्बत आज अमावस्या की काली रात में छिप जाने वाली उस चांद – सी प्रतीत होने लगी । तुम यहां नहीं हो , पर तुम्हारी यादें साथ हैं । याद है ? तुम हमेशा कहती थी दुनिया भर की समस्याओं पर लिखते हो , कभी हमारे प्यार पर कुछ क्यों नहीं लिखते … मैं मुस्कुराकर कह देता कि जिस दिन लिखूंगा रोते – रोते पागल हो जाओगे । आज कुछ लिखा है- पर क़सम है मेरी रोना मत
#ravisinghbharati
#rs7632647
#onesidedlove