– तुम मेरे अंधेरे जीवन में हो ज्योत्सना के समान –
– तुम मेरे अंधेरे जीवन में हो ज्योत्सना के समान –
अंधेरी रातों में हो प्रकाश के समान,
तन्हाई में हो मेरे लिए तुम सुकून के समान,
दुख की घड़ी में हो सुख की चादर के समान,
अकेलेपन में हो तुम मेरे सहारे के समान,
मेरे टूटे पैरो के लिए हो तुम बैसाखी के समान,
मेरे धड़कते दिल में हो तुम सांसों के समान,
मेरी रुआसी आंखो में हो तुम पानी के समान,
मेरे अपनो को अपना बनाना है तुम हो अपनेपन के समान,
मेरे दिल की खामोशी में हो तुम शोर के समान,
तुम मेरे अंधेरे जीवन में हो ज्योत्सना के समान,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –