तुम मुझे ही क्यों याद करती हो—–
खामोशी में हमने ग़म से पूछा कि
तुम मुझे ही क्यों याद करती हो।
गम ने कहा कि एक तुम्ही हो जो
हरपल मेरी शिद्दत से चाह रखते हो।।
खामोशी में हमने ग़म से पूछा कि
तुम मुझे ही क्यों याद करती हो।
गम ने कहा कि एक तुम्ही हो जो
हरपल मेरी शिद्दत से चाह रखते हो।।