तुम मनाओ मुझे
चाहता हूं मैं
तुम मनाओ मुझे
इसलिए कभी कभी
रूठ जाता हूं
देखना चाहता हूं
कैसे सामना करोगे
मुश्किल घड़ियों का
इसलिए कभी कभी
टूट जाता हूं।।
देखना चाहता हूं
तुम्हें हंसते हुए
इसलिए कभी कभी
हंसी मज़ाक करता हूं।।
नज़रंदाज़ करना चाहता हूं
तेरी गलतियों को
इसलिए कभी कभी
अनजान बन जाता हूं।।
हो हर तरफ रोशनी
तेरे जीवन में हमेशा
इसलिए आज मंदिर में
दिये जला रहा हूं मैं।।
गुनगुनाए तू जिसे
अपनी सुरीली आवाज़ से
तेरी याद में ऐसी
ग़ज़ल बना रहा हूं मैं।।
देखना चाहता हूं मैं
हर वक्त खुश तुम्हें
तुम्हारे लिए ईश्वर से
प्रार्थना करता हूं।।
याद आती है मुझे
जब भी तेरी अब
निकालकर तेरी तस्वीर
सीने से लगा देता हूं।।