तुम भूल जाना
तुम भूल जाना कि
जिंदगी के कैनवास पे
कोई पतली सी
हंसी की लकीर उभरी थी
जो तुम्हारी ओर देखते ही
सुर्ख हो जाया करती थी
तुम भूल जाना की
जिंदगी की तपती धूप में
तुम किसी के लिए
शीतल सांझ की तरह थे
जहां थोड़ी देर ठहरना और
थकान से झुके अपने कंधो को
सीधा करना चाहती थी
तुम भूल जाना की तुम्हारी पीठ पे
किसी दिन बच्चे की तरह झूल जाना
उसके जीवन के सुंदरतम सपनों में से एक था
तुम सब कुछ भूल जना
बस इतना याद रखना कि
किसी ने हंसते हुए दुनियां के सपने देखे थे
चारों तरफ हंसते और खुशहाल चेहरों की लहलहाती फ़सल के सपने देखे थे
तुम बस इतना याद रखना कि
वो सपने तभी पूरे हो सकते हैं
जब दुनियां में रोटी की कमी न हो
सूखे आंतों की हंसी
बहुत भयावह होती है मेरे दोस्त
रुदालियों के रुदन और उस हंसी में
कोई फर्क नहीं होता
तुम याद रखना
उसे बसंत के सपने आते थे
आम महुआ के मंजर की भिनी खुशबू
कोयल के मीठे तान और
सरसों के पीले फूल जवान गेहूं के बालों से अटखेलियां करते
उसे चूमते उसके गले लगते नजर आते थे
उसे सपने में सब हंसते
प्यार करते नजर आते थे
तुम उस हंसी को याद रखना …
तुम उस प्यार को याद रखना
तुम याद रखना कि हंसता हुआ जहां बनाना है …
तुम याद रखना प्यार भरा जहां बनाना है..
~ सिद्धार्थ