तुम भारत को कब समृद्ध ?
भारत वासी ज्यादा तर अपना जीवन अपने लिए ही जीते रहते हैं।वो न तो अपने परिवार, अपनी समाज, और अपने देश के लिए कभी भी जीना नहीं चाहता है!वह हमेशा ््, अपने निजी स्वार्थों में रत रहता है। जबकि हमें अपने देश से भी प्यार होना चाहिए।आज हमारा देश कर्ज से पूरी तरह से डूबा हुआ है। और विकास भी कर्ज पर टिका हुआ है!जो बच्चा अभी जन्मा नहीं है, फिर भी उस पर चालीस हजार का कर्ज हो जाता है। इसका कारण समझने की कोशिश कोई भी भारतीय नही करना चाहता है।कि हमारा देश कर्ज से मुक्ति पा सकें। और ये ज़रुर कहता रहता है । कि महंगाई बढ़ रही है? मंहगाई भी इसलिए ही बढ़ रही है। क्योंकि हम कर्ज में चल रहे हैं। हमारी सरकारें भी कर्जा लेकर देश चला रहीं हैं! और कर्मचारियों का वेतन बहुत तेजी से बढ़ रहा है।अब समय आ गया है। जनमत संग्रह कर आवाज उठाये कि सरकारे अनाप-शनाप खर्च कर रही है।उन पर कंट्रोल होना चाहिए। नही तो आने वाले समय में हमारा देश गिरवी रखा जायेगा! अपने काम अपनी पहुंच के अनुसार करना चाहिए।इस बात को समझलो कि यह देश हम सबका देश है ,इन चंद मुट्ठी लोगों का नही है।जो मन में आये वो करते रहे हैं।आज हमें पूरी तरह से जागना होगा। नही तो भारत का भबिष्य ख़तरे में पड़ सकता है। सावधान! सावधान! सावधान।