Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2022 · 1 min read

तुम बिन हुम् नही

तुम बिन हम नहीं
*************

तुम बिन हम नहीं,
कोई गम नहीं।

दिल को दी खुशी,
आँखें नम नहीं।

टिक पाए यहाँ,
दिखता दम नहीं।

आये सामने,
हम भी कम नहीं।

मनसीरत दिखा,
जीवन तम नहीं।
*************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
आख़िर उन्हीं २० रुपयें की दवाई ….
Piyush Goel
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
जगदीश शर्मा सहज
तीर लफ़्ज़ों के
तीर लफ़्ज़ों के
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
Phool gufran
खर्राटा
खर्राटा
Santosh kumar Miri
कर्णधार
कर्णधार
Shyam Sundar Subramanian
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
Shweta Soni
पल
पल
*प्रणय प्रभात*
जेठ कि भरी दोपहरी
जेठ कि भरी दोपहरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
3495.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3495.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
राम रहीम और कान्हा
राम रहीम और कान्हा
Dinesh Kumar Gangwar
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
Manisha Manjari
*जीवन-नौका चल रही, सदा-सदा अविराम(कुंडलिया)*
*जीवन-नौका चल रही, सदा-सदा अविराम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मेरा  दायित्व  बड़ा  है।
मेरा दायित्व बड़ा है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बीतते साल
बीतते साल
Lovi Mishra
अक्सर समय बदलने पर
अक्सर समय बदलने पर
शेखर सिंह
सावन का मेला
सावन का मेला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Ram Krishan Rastogi
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
Priya princess panwar
" वर्तमान "
Dr. Kishan tandon kranti
कल को कल ही सोचना,
कल को कल ही सोचना,
sushil sarna
ज़िम्मेदार ठहराया गया है मुझको,
ज़िम्मेदार ठहराया गया है मुझको,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
''हसीन लम्हों के ख्वाब सजा कर रखें हैं मैंने
शिव प्रताप लोधी
कोहरे के दिन
कोहरे के दिन
Ghanshyam Poddar
Loading...