तुम बिन हुम् नही
तुम बिन हम नहीं
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तुम बिन हम नहीं,
कोई गम नहीं।
दिल को दी खुशी,
आँखें नम नहीं।
टिक पाए यहाँ,
दिखता दम नहीं।
आये सामने,
हम भी कम नहीं।
मनसीरत दिखा,
जीवन तम नहीं।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)