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20 Jun 2019 · 1 min read

तुम बिन सब अधूरा

मुखड़ा–

तेरी साँसों की सरग़म मेरा मन लुभाती है।
तेरी आँखों की चितवन मेरा दिल चुराती है।।
नागिन-सी ज़ुल्फ़ें गोरे गालों पर गिराती हो।
लूटे जाती शब सज़दे में दिन भी मिलाती है।।

अंतरा-1
तुम बिन लगते जीवन के सब सपने अधूरे हैं।
तुम बिन दिखते रिश्तों के कुछ अपने अधूरे हैं।
हरपल यादों में आ इक तू ही मुस्क़राती है।
तेरी यादों की चितवन मेरा दिल चुराती है।।

अंतरा-2
खोया रहता हूँ मैं तेरी चंचल अदाओं में।
फूलों-सी खिलती रहती तू मेरी दुआओं में।
दिल की धड़कन कहती है तू मुझको बुलाती है।
तेरी यादों की चितवन मेरा दिल चुराती है।।

अंतरा-3
हाले-दिल क्या मेरा कैसे तुमको सुनाऊँ मैं।
ख़्वाबों ख़्यालों में भी बस इक तुमकों रिझाऊँ मैं।
चूड़ी की खनखन पायल की छनछन बुलाती है।
तेरी यादों की चितवन मेरा दिल चुराती है।।

मुखड़ा–
तेरी साँसों की सरग़म मेरा मन लुभाती है।
तेरी आँखों की चितवन मेरा दिल चुराती है।।
नागिन-सी ज़ुल्फ़ें गोरे गालों पर गिराती जब।
लूटे जाती शब सज़दे में दिन भी मिलाती है।।

राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
————————————
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 1 Comment · 268 Views
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