तुम बहुत याद आते हो – डी के निवातिया
तुम बहुत याद आते हो,
तुम बहुत याद आते हो,क्यों इतना सताते हो
जीने देते,न मरने देते हो क्यो इतना रुलाते !!
जब से तुम चले गए
दुनिया हमसे छूट गई
गम ने हमको ऐसा घेरा
ये प्रीत हमसे रूठ गई
पल-पल, हरपल तुम ही तुम पास नज़र आते हो
तुम बहुत याद आते हो,क्यों इतना सताते हो
जीने देते,न मरने देते हो क्यो इतना रुलाते !!
ये दिल हुआ ऐसा बावरा
हम अपना पराया भूल गए,
दिन-रात का होश नहीं
हम अपना साया भूल गए,
जिंदगी से ऐसे रूठें सपनों में भी न अब आते हो
तुम बहुत याद आते हो,क्यों इतना सताते हो
जीने देते,न मरने देते हो क्यो इतना रुलाते !!
किसको हम अपना कहे
अब किसको कहे पराया,
जिसे हमने अपना जाना
वक़्त पड़े दूर उसे ही पाया,
देते हो पहले जख्म फिर खुद ही सहलाते हो !
तुम बहुत याद आते हो,क्यों इतना सताते हो
जीने देते,न मरने देते हो क्यो इतना रुलाते !!
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स्वरचित: डी के निवातिया