तुम पास आए
तुम पास आए जब ,दीये जगमगाए ।
झुक गयी पलकें ,और लब थरथराए।
ज़ेहन में आया ,तलातुम ए जज्बात।
बेकाबू हुआ दिल ,ऐसे थे हालात।
जिंदगी लगने लगी ,एक हसीं सफ़र।
जब से तुम हुये, मेरे हमसफर ।
चूड़ियों की खनक ,मन को भाने लगी।
मैं बिना बात ही , मुस्कुराने लगी।
खुदा करे ये साथ ,हमारा अब न छूटे।
किस्मत हमारी से ,खुशियां न कोई लूटे।
सुरिंदर कौर