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12 Jan 2019 · 1 min read

” तुम निकलो छम ” !!

गीत

सारे रंग समेटे ,
हो बैठे तुम !
खुशियां भी तुमसे ही ,
है भरती दम !!

महकी ना फुलवारी ,
दिन बीत गये !
दामन खाली खाली ,
दिन रीत गये !
शीश झुकाए बहारें ,
हैं आंखें नम !!

कलकल ना सरिता की ,
थम गयी लहर !
पनघट भी सूने से ,
ना कटे पहर !
शोख हवाओं का भी ,
है टूटा खम !!

दर्पण में परछाई ,
है गई ठहर !
धुंध खूब छाई सी ,
मच गया कहर !
दिनकर छिप कर बैठा ,
ढा रहा सितम !!

वक्त बना हरकारा ,
दर गया ठहर !
भूल करो अनदेखी ,
है मचा गदर !
पायल को खनकाती ,
तुम निकलो छम !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 236 Views
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