तुम ना मिलते तो यू दिल घायल ना होता/मंदीप
तुम ना मिलते तो यू दिल घायल ना होता,
पा के दर्द तुम से मै इस तरह ना रोता।
जी रहे थे हम तो मौजे जिंदगी को,
इस दौर में तन्हाई का पता ना होता।
जाम महोबत ने ऐसा पिलाया,
आज अपनों में मै गैर ना होता।
जिंदगी अटक सी गई है अब,
अगर पीड़ तुम्हारी सहता ना होता।
आवाज ना आई “मंदीप”इस तबाही की
आज दिल में दर्द इस कदर ना होता।
मंदीपसाई