#तुम दूर क्यु खड़े हो इधर आओ ना
तुम दूर क्यु खड़े हो इधर आओ ना,
गले से मेरे तुम लिपट जाओ ना ।
मैं ख्वाबों से अब कहा डरता हूँ ,
तुम रातों मैं आते हो, तो आओ ना।
हाथों पर हाथ रखे बैठा रहेगा तु कब तक,
छूकर मुझे, मुझमें समा जाओ ना ।
पा लूँगा तुम्हें इक रोज़ युही चलते चलते ,
बस मेरे कदमों पर तुम कदम रखे जाओ ना ।।
_राजू कुरेशी ✍