तुम जैसे भी हो हम सबके दिल को
तुम जैसे भी हो
हम सबके दिल को भाते हो
तन्हाई में खोए खोए तो रहते हो
मगर हरदम जोश से लबरेज़ रहते हो
यूं ही तुम खास नहीं हो
दिल को चुटकियों में जीत लेते हो
कभी प्यार कभी गुस्सा जताते हो
लेकिन साथ कभी नहीं छोड़ते हो
जब एक बार हाथ थाम लेते हो
तुम जीत मेरी पक्की कर देते हो
इसलिए तुम मेरी एक अलग पहचान हो
तुम जैसे भी हो हम सबको कबूल हो
– कृष्ण सिंह
मेरे बारे में….
मेरा नाम “कृष्ण सिंह” है । मैं सरकारी जॉब में हूँ । हरियाणा के रेवाड़ी जिले के छोटे से गांव में रहता हूँ । कविता अपने लिये लिखता हूं, लेकिन औरों से बाटने में आनन्द की अनुभूति होती है । प्रथम कविता 02 फरवरी 2022 में अमर उजाला अखबार के “मेरे अल्फ़ाज़” ब्लॉग में “कुछ कहने का दिल है आज बहुत दिनों के बाद” शीर्षक से प्रकाशित हुई है। तभी से लिखने की एक नई दिशा मिली हैं । आपके अमुल्य प्रतिकिया के सदैव इन्तजार में… कृष्ण सिंह’…. आप मुझसे बात यहाँ कर सकते …. आप चाहे तो अपना नाम और e-mail id भी दे सकते है ।