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22 Dec 2024 · 1 min read

तुम जब भी आना

तुम जब भी आना
अपने साथ ले आना
समंदर…

जब सूरज डूब रहा होगा
और चांद निकलने को आतुर होगा
हम मिलेंगे समंदर किनारे
किसी हल्के से सुनहरे
थोड़े धुंधलाए से
रेत के घर में ।

ये दुनियां
कभी इतनी बड़ी नहीं हो सकेगी
कि तुम आ न सको ।

और न ही ये हो पाएगी
इतनी छोटी कि
हमें मिलने की जगह न दे सके ।।

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